Based on my birth chart, can you please tell me about my future husband?
– What kind of person will he be?
- He's working on Merchant Navy Engineer Officer.
- how much he will earn
– His character, habits, and lifestyle.
– How he will treat me and the level of love/understanding in married life.
– Anything important I should know about my married life and spouse qualities.
Please analyse according to my horoscope details.
Note: The manglik dosha is present in your horoscope, however it is less effective. With some remedies related to mangalik dosha this can be reduced further.
The boy is not a Manglik; nor is the girl a Manglik. Mangal Dosha being absent in either horoscopes, there shall be no ill effect on their marriage. This match is recommended.
Prediction Date: 19 November 2025
ॐ श्री गणेशाय नमः।
आयुष्मती अंकिता,
आपके भविष्य और वैवाहिक जीवन के प्रति आपकी जिज्ञासा को समझकर, मैंने आपकी जन्म पत्रिका का गहन अध्ययन किया है। महर्षि पराशर के सिद्धांतों के अनुसार, ग्रहों की स्थिति आपके भविष्य के पति और वैवाहिक जीवन की एक स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करती है।
आपके प्रश्नों के उत्तर इस प्रकार हैं:
**आपके भावी पति का स्वरूप और स्वभाव**
आपकी कुंडली में विवाह के विश्लेषण के लिए शुक्र और बृहस्पति की शक्ति को समझना अनिवार्य है।
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपके विवाह के नैसर्गिक कारक **शुक्र**, आपकी जन्म कुंडली (D1) और नवांश कुंडली (D9) दोनों में मिथुन राशि में स्थित हैं। यह उन्हें **वर्गोत्तम** बनाता है, जो एक अत्यंत शक्तिशाली और शुभ स्थिति है। शुक्र का षड्बल भी 8.15 रूप है, जो उन्हें बहुत बलवान बनाता है। विवाह के एक अन्य महत्वपूर्ण ग्रह, **बृहस्पति**, अपनी ही राशि मीन में द्वादश भाव में स्थित हैं, जो उन्हें **स्वक्षेत्री** बनाता है।
* **व्याख्या:** इन दो प्रमुख ग्रहों की यह शक्ति इस बात का स्पष्ट संकेत है कि आपका विवाह अवश्य होगा और आपके पति एक सम्मानित और गुणी व्यक्ति होंगे। वर्गोत्तम शुक्र यह सुनिश्चित करता है कि आपके पति का चरित्र मजबूत होगा और वे अपने वादों को निभाने वाले होंगे।
**1. उनका व्यक्तित्व और व्यवसाय:**
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपकी कुंडली में सप्तम भाव (विवाह का भाव) के स्वामी शुक्र, तीसरे भाव में मंगल के साथ स्थित हैं। तीसरा भाव संचार, साहस, छोटी यात्राओं और तकनीकी कौशल का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल ग्रह इंजीनियरिंग और मशीनरी का कारक है।
* **व्याख्या:** यह संयोजन सीधे तौर पर आपके द्वारा बताए गए पेशे "मर्चेंट नेवी इंजीनियर ऑफिसर" की पुष्टि करता है। उनका व्यक्तित्व साहसी, ऊर्जावान और बहुत संचारी होगा। वे बुद्धिमान होंगे और अपने काम में बहुत कुशल होंगे। यात्रा उनके जीवन और पेशे का एक अभिन्न अंग होगी।
**2. उनका चरित्र, आदतें और जीवन शैली:**
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपकी नवांश (D9) कुंडली, जो विवाह की आत्मा है, में सप्तमेश मंगल, नवम भाव (भाग्य का भाव) में शुक्र, चंद्रमा, शनि और राहु के साथ स्थित है। इसके अतिरिक्त, आपका उपपद लग्न मीन राशि में है, जिसके स्वामी बृहस्पति हैं।
* **व्याख्या:** यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण संयोजन है।
* **अनुशासन और परिपक्वता:** शनि का प्रभाव उन्हें बहुत अनुशासित, जिम्मेदार और अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीर बनाता है। वे पारंपरिक मूल्यों का सम्मान करने वाले और जीवन में एक संरचित दृष्टिकोण रखने वाले होंगे।
* **ज्ञान और नैतिकता:** उपपद लग्न के स्वामी बृहस्पति का प्रभाव उन्हें ज्ञानी, सैद्धांतिक और आध्यात्मिक रूप से झुका हुआ बनाता है। वे एक अच्छे सलाहकार होंगे और उनका चरित्र नैतिक रूप से मजबूत होगा।
* **अपरंपरागत तत्व:** राहु की उपस्थिति यह संकेत देती है कि वे कुछ अपरंपरागत विचारों वाले हो सकते हैं या उनका पारिवारिक पृष्ठभूमि आपसे भिन्न हो सकती है।
* **भावनात्मक स्वभाव:** चंद्रमा की उपस्थिति उन्हें देखभाल करने वाला बनाती है, लेकिन वे कभी-कभी मूडी भी हो सकते हैं।
**3. उनकी आर्थिक स्थिति:**
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपके सप्तमेश शुक्र, धन के लग्न (Indu Lagna) मिथुन राशि में स्थित हैं। नवांश में भी विवाह के स्वामी मंगल भाग्य के नवम भाव में धन के कारक शुक्र और कर्म के कारक शनि के साथ हैं।
* **व्याख्या:** यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि आपके पति की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी और स्थिर होगी। वे अपने कौशल, कड़ी मेहनत और यात्रा के माध्यम से प्रचुर धन अर्जित करेंगे। उनकी आय सम्मानजनक और निरंतर बढ़ने वाली होगी।
**वैवाहिक जीवन और आपसी संबंध**
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपकी जन्म कुंडली में, शनि ग्रह आपके लग्न से सप्तम भाव को देख रहा है। यद्यपि शनि अपनी नीच राशि मेष में है, लेकिन सूर्य के केंद्र में होने के कारण एक शक्तिशाली **"नीच भंग राज योग"** का निर्माण हो रहा है।
* **व्याख्या:** इसका अर्थ है कि आपके वैवाहिक जीवन की नींव जिम्मेदारी, प्रतिबद्धता और स्थिरता पर आधारित होगी। शनि का प्रभाव कभी-कभी रिश्ते में थोड़ी गंभीरता या दूरी ला सकता है, लेकिन नीच भंग योग के कारण, शुरुआती समायोजन और चुनौतियों के बाद आपका बंधन समय के साथ बेहद मजबूत और अटूट हो जाएगा। यह एक ऐसा रिश्ता होगा जो सतही रोमांस के बजाय गहरे विश्वास और कर्तव्य पर फलता-फूलता है।
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपके सप्तमेश शुक्र के साथ मंगल की युति है, जो शुक्र से पहले घर में होने के कारण एक प्रकार का **"कुज दोष"** बनाता है।
* **व्याख्या:** जैसा कि आपके नोट में बताया गया है, यह एक हल्का दोष है। इसका मतलब विनाशकारी संघर्ष नहीं है, बल्कि यह इंगित करता है कि आपके रिश्ते में जुनून, ऊर्जा और कभी-कभी तीखी बहसें होंगी। यदि इस ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाया जाए तो यह रिश्ते को जीवंत बनाए रखता है। आपको बस अपनी बातचीत में धैर्य रखने की आवश्यकता होगी।
कुल मिलाकर, प्रेम और समझ का स्तर गहरा होगा, लेकिन यह बहुत व्यावहारिक और कर्तव्य-परायण तरीके से व्यक्त किया जाएगा। वे आपकी बहुत परवाह करेंगे, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति शायद बहुत दिखावटी न हो।
**विवाह का संभावित समय**
मैंने आपके भविष्य के कालखंडों का विश्लेषण किया है ताकि विवाह के लिए सबसे शक्तिशाली समय का पता लगाया जा सके।
* **ज्योतिषीय तथ्य:** आपके जीवन में विवाह की घटनाओं को सक्रिय करने के लिए दशा (Dasha) और गोचर (Transit) का एक साथ आना आवश्यक होता है। आपकी कुंडली के लिए, **बृहस्पति की महादशा और शनि की भुक्ति** सबसे शक्तिशाली अवधि प्रतीत होती है। इस अवधि के दौरान, शनि आपके सप्तम भाव (तुला राशि) से गोचर करेगा, और बृहस्पति आपके लग्न (मेष राशि) पर दृष्टि डालेगा।
* **व्याख्या:** यह "डबल ट्रांजिट" का एक क्लासिक ज्योतिषीय सिद्धांत है जो जीवन की प्रमुख घटनाओं को घटित करता है। इस आधार पर, आपके विवाह के लिए सबसे प्रबल और शुभ समय **जुलाई 2030 और जनवरी 2033 के बीच**, विशेष रूप से **2031 के मध्य से 2032 के मध्य तक** बन रहा है। इस दौरान विवाह के बंधन में बंधने के योग अत्यंत प्रबल हैं।
**महत्वपूर्ण सलाह**
1. **संचार को प्राथमिकता दें:** आपके सप्तमेश का संबंध मिथुन राशि से है, जो संचार का प्रतीक है। अपने रिश्ते को मजबूत रखने के लिए खुला और ईमानदार संचार आपकी सबसे बड़ी संपत्ति होगी।
2. **धैर्य को अपनाएं:** शनि का प्रभाव बताता है कि रिश्ते को परिपक्व होने में समय लग सकता है। धैर्य रखें और एक-दूसरे को समझने के लिए समय दें। आपका बंधन समय के साथ और गहरा होगा।
3. **कर्तव्य की सराहना करें:** आपके पति का प्रेम प्रदर्शनकारी होने के बजाय कर्तव्य और जिम्मेदारी के कार्यों में अधिक दिखाई देगा। उनकी स्थिरता और प्रतिबद्धता की सराहना करें, क्योंकि यही आपके विवाह की असली ताकत होगी।
आपकी कुंडली एक स्थिर, सम्मानजनक और स्थायी विवाह का वादा करती है। आपको एक गुणी और सक्षम जीवनसाथी का साथ मिलेगा।
आपका भविष्य मंगलमय हो।
** शुभं भवतु **
Yogas & Doshas Found
चंद्राधि योग, जो आरामदायक जीवन, नेतृत्व और शत्रुओं पर विजय के लिए एक प्रमुख योग है, मौजूद है। यह चंद्रमा से 6वें, 7वें या 8वें भाव में शुभ ग्रहों के होने से बनता है। इस कुंडली में यह योग शुक्र के 6वें भाव में होने के कारण बन रहा है।
एक शक्तिशाली नीच भंग राज योग (नीचता का रद्द होना) मौजूद है। नीच के शनि की कमज़ोरी इसलिए रद्द हो जाती है क्योंकि उसकी राशि में उच्च का होने वाला ग्रह, सूर्य, लग्न या चंद्रमा से केंद्र में स्थित है। यह अक्सर शुरुआती संघर्षों के बाद बड़ी सफलता देता है।
कुज दोष (या मंगल दोष), जो वैवाहिक सामंजस्य को प्रभावित करने वाला एक दोष है, मौजूद है। यह इसलिए बनता है क्योंकि मंगल शुक्र से पहले भाव में स्थित है। यह रिश्तों में अत्यधिक जुनून, संघर्ष या चुनौतियां ला सकता है।
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